सोमवार, 8 अप्रैल 2024

🕉️हिन्दू नव वर्ष नव संवत्सर २०८१

🕉️सनातन हिंदू नव वर्ष संवत् २०८१

ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।


सनातन हिंदू नववर्ष का प्रारंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा वासंतिक नवरात्र से होता है। आज के दिन ब्रह्मा जी ने जगत की रचना की है।

अंग्रेजी तारीख ०९ अप्रैल २०२४ से सनातन नव वर्ष नव संवत्सर प्रारंभ होगा। 

नववर्ष के आगमन पर लोग अपने घर व देवस्थान को सुशोभित कर प्रथम दिन की शुरुवात देव पूजन से करते है । 

अपने कुलदेवी, कुलदेवता ,गुरु,अपने अग्रजों  से आशीर्वाद प्राप्त करते है । जिससे हमारा नया साल सुख शांति पूर्वक यापन हो, खुशियों से भरा हो ।

इसी दिन से घरों में नवरात्रि घट स्थापन,मातारानी की पूजा पाठ व्रत किए जाते है ।


नव संवत्सर फल --

इस वर्ष कालयुक्त नाम संवत्सर रहेगा । कालयुक्त संवत्सर में अन्न धन कि कमी नही होगी , प्रजा में आनंद का वातावरण रहेगा । वर्ष पर्यंत कालयुक्त नाम संवत्सर का ही विनियोग होगा। इस वर्ष राजा मंगल , मंत्री शनि है। राजा और मंत्री में मधुर मैत्री नही है। इसलिए परस्पर मतभेद की स्थिति बनी रहेगी। प्रजा सुखी होगी। शत्रु शांत रहेंगे, रोगों  में वृद्धि होगी। 


भारत के पड़ोसी देशों में प्राकृतिक आपदा, भूकम्प,आपसी टकराव , जन धन कि हानि होगी।यूरोपी देशों में मंदी की स्थिति बनेगी। 


राजनैतिक,आर्थिक ,व्यापारिक,शिक्षा कि दृष्टि में भारत विश्वगुरू कि राह पर अग्रसर रहेगा। कहीं - कहीं आतंकी गतिविधियां हो सकती हैं। वैज्ञानिक ज्ञान प्रतिभा का विश्व में प्रभाव बढेगा । वर्षा के सामान्य योग है । शारदीय फसलों पर प्रभाव पड़ेगा।


वर्ष अपैट --

मेष ,सिंह, धनु, राशि वालों जातकों को वर्ष अपैट है। मिथुन, तुला, कुंभ राशि वाले जातकों को प्रथम संक्रांति(वैशाखी) अपैट है। संक्रान्ति,पूर्णिमा पर दुर्गा सप्तशती का पाठ, सफेद वस्तु का दान करें।



विषुवतसंक्रांति फल--

विषुवत चक्र में जन्म नक्षत्र यदि 

सर भाग में हो तो यश प्राप्ति , 

मुंह भाग में हो तो विद्या प्राप्ति ,

हृदय भाग में हो तो धन लाभ , 

दाहिने हाथ में हो तो दांपत्य सुख,

बाएं हाथ में हो अर्थ अभाव ,

दाहिने पैर में हो निरर्थक भ्रमण , 

बाएं पैर में हो तो रोग आदि, 


वामपद दोष -- 

जिन जातकों का नक्षत्र आर्द्रा, पुनर्वसु , पुष्य है । उन्हें विषुवत संक्रांति वाम पाद में है ।  अरिष्ट निवृति के लिए  चांदी का पद, चावल ,दही,सफेद वस्त्र दान अर्चन श्रेयस्कर होगा ।



शनि साढ़ेसाती --

 इस बार वर्ष पर्यंत शनिदेव कुंभ राशि पर रहेंगे । 

अतः मकर ,कुंभ तथा मीन राशि वालों के लिए शनि की साढे साती का प्रभाव रहेगा । 

कर्क ,वृश्चिक राशि वालों के लिए शनि की ढैया चलेगी ।

शनि की साढेसाती मीन राशि वालों के लिए सिर पर रहने से कार्यो में देरी,अपव्यय ,अच्छे अवसर की हानि, स्वास्थ्य कमजोर होगा ।

कुंभ राशि वालों के लिए हृदय पर रहने से स्वास्थ्य में उतार चढ़ाव,आलस्य ,अरुचि ,पत्नी कष्ट , व्यापार में मंदी रहेगी।

मकर राशि वालों के लिए पैर पर माता पिता को कष्ट ,राज पक्ष प्रतिकूल रहेगा ।


उपाय --

जिस राशि वालों पर शनि की ढैया साडेसाती चल रही है । उन्हें सुंदरकांड रामायण तथा हनुमान चालीसा का नित्य पाठ शनि चालीसा का पाठ शनिवार का व्रत करना चाहिए । शनिवार को प्रातः पीपल वृक्ष में जल दान तथा सायं दीपदान करना चाहिए।

काले घोड़े की नाल की अंगूठी शनिवार को मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए।

शनिवार का व्रत तथा शनि का जप, होम, दान करना चाहिए।




      ।।जय शनिदेव।।


।।सबका कल्याण करना।।


🌹नववर्ष नव संवत्सर आप सभी को मंगलमय हो🌹


             🌹जय ईस्ट देव🌹

गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

खग्रास सूर्यग्रहण 8 अप्रैल 2024

खग्रास सूर्यग्रहण--

साल २०२४ में लगने जा रहा है साल का पहला सूर्य ग्रहण और यह सूर्य ग्रहण चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या सोमवार ८ अप्रैल २०२४ को लगने वाला है खग्रास सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा ।

यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका मध्य अमेरिका ग्रीस लैंड आइसलैंड और प्रशांत महासागर उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा भारतीय मानक समय अनुसार ग्रहण का प्रारंभ रात्रि में ०९:१२ पर तथा मोक्ष रात्रि में ०२:२२  पर होगा।


 सावधानी--

भारत में ग्रहण दृश्य नहीं होगा जिस कारण कोई भी सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है ।

नित्य दिन चर्या कि तरह वैसा ही चलता रहेगा ।  

    ।। हर हर महादेव ।।

ॐ जय गौरी नंदा

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