शीघ्र विवाह हेतु उपाय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
शीघ्र विवाह हेतु उपाय लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 21 जुलाई 2020

रुक्मणि जी ने भगवान कृष्ण जी को पति रूप में पाने के लिये किया पाठ

कन्याओ के विवाह में विलम्भ हो राह हो उन कन्याओ को इन मंत्रो का पाठ करना चाहिए ।पाठ करने से शीघ्र विवाह योग व मन इच्छित वर की प्राप्ति होती है।इसका21 पाठ करने के बाद लिखकर सदक्षिणा ब्राह्मण को दान दे ।शीघ्र मनोकामनापूर्ण होगी।             

                रुक्मिण्युवाच 
श्रुत्वा गुणान् भुवनसुन्दर शृण्वतां ते
निर्विश्य कर्ण विवरैर्हरतोऽङ्गतापम् । 
रूपं दृशां दृशिमता मखिलार्थ लाभं 
त्वय्यच्युता विशति चित्तमपत्रपं मे ॥१।।

              का त्वा मुकुन्द महती कुलशीलरूप ।
              विद्या वयो द्रविण धाम भिरात्मतुल्यम
              धीरा पतिं कुलवती न वृणीत कन्या 
              काले नृसिंह नरलोक मनोभिरामम् ॥२।।

तन्मे भवान् खलु वृतः पतिरङ्ग जाया
मात्मार्पितश्च भवतोऽत्र विभो विधेहि ।
मावीर भाग मभिमर्शतु  चैद्य आराद् 
गोमा  युवन्मृगपतेर्बलि   मम्बुजाक्ष ॥३ ।।

                   पूर्तेष्ट  दत्त  नियम व्रत  देव  विप्र
                   गुर्वर्चनादि भिरलं भगवान्  परेशः । 
                   आराधितो यदि गदाग्रज एत्य पाणिं 
                   गृह्णातु मे न दमघोष सुतादयोऽन्ये ॥ ४।।

श्वो भाविनि त्वमजितोद्वहने विदर्भान्
गुप्तः समेत्य पृतना पतिभिः परीतः ।
निर्मथ्य चैद्य  मगधेन्द्र    बलं प्रसह्य
मां राक्षसेन विधिनो द्वह वीर्यशुल्काम् ॥ ५ ।।

                   अन्तः पुरान्तर  चरीमनिहत्य  बन्धूं
                   स्त्वा मुद्वहे कथमिति प्रवदाम्यु पायम् ।
                   पूर्वे   धुरस्ति   महती   कुलदेवियात्रा
                   यस्यां बहिर्नववधूर्गिरिजा मुपेयात् ॥६।।

यस्याध्रि पङ्कज रजःस्नपनं महान्तो 
वाञ्छन्त्यु मापति रिवात्म तमोऽपहत्यै । 
यर्ह्यम्बुजाक्ष    न   लभेय    भवत्प्रसादं 
जह्या मसून् व्रतकृशाञ्छत जन्मभिः स्यात् ॥ ७।।

                  ब्राह्मण उवाच
 इत्येते गुह्यसन्देशा यदुदेव मयाऽऽहृताः ।
 विमृश्य कर्तुं यच्चात्र क्रियतां तदनन्तरम् ॥8।।



आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा
      वसई मुम्बई
  

ॐ जय गौरी नंदा

         डाउनलोड ऐप  आज की तिथि  त्योहार  मंदिर  आरती  भजन  कथाएँ  मंत्र  चालीसा  आज का विचार  प्रेरक कहानियाँ  ब्लॉग  खोजें होम भजन ओम जय ग...