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सोमवार, 24 मई 2021

खग्रासचंद्रग्रहण २६ मई २०२१

 खग्रासचन्द्रग्रहण - 

वैशाखशुक्ल पूर्णिमा बुधवार ( दिनांक २६ मई २०२१ )  खग्रासचन्द्रग्रहण भारत में केवल पूर्वी भाग बंगाल आसाम के कुछ क्षेत्रो में मोक्ष काल के समय दृश्य होगा । शेष भारत मे ग्रहण दृश्य नही होगा । भारत के अलावा यह ग्रहण दक्षिणपूर्व एशिया , आस्ट्रेलिया ,जापान ,रूस , कनाडा , उत्तरी अमेरिका आदि क्षेत्रों में दृश्य होगा ।

भारतीयसमयानुसार खण्डचन्द्रग्रहण का प्रारंभ घं .०३ मि .१४ पर होगा तथा

ग्रहण का मध्य पं .०४ मि .४ ९ सायं

इसका मोक्ष घं .०६ मि . २३ सायं पर होगा । 

यह खग्रासचन्द्रग्रहण की कुल अवधि  घं०३ मि.९ को है ।

ग्रहण का सूतक प्रातः ०९:१४ से प्रारंभ होगा ।

भारत के पूर्वी भाग के अलावा यह ग्रहण अन्य भागों में दृश्य नही होगा ।जो भारत के उन क्षेत्रों में तत सम्बन्धी नियम लागू नही होते ।

नोट-

बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर अन्य किसी भी व्यक्ति को ग्रहणकाल एवं  ग्रहण के सूतककाल मे भोजन करना निषेध है ।

ग्रहण का महात्म्य --

ग्रहण के समय गंगा स्नान का विशेष महत्व है ।मत्स्य पुराण में कहा कि ग्रहण काल मे तीर्थ स्नान व जप दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है ।

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