||ॐ||
जयंती मंगलकाली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।
सनातन हिंदू धर्म का नववर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन से प्रारंभ होता है। उसी दिन से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ होते है। सनातन हिंदू नववर्ष को सभी सनातनी बड़े ही हर्षोल्लास धूमधाम के साथ मनाते हैं। आज के दिन सभी लोग अपने घरों में माता रानी के आगमन पर घरों में घट स्थापन, माता की चौकी बैठना, माता रानी के नवरात्रि पर 9 दिन का व्रत रखते हैं। जो ३० अप्रैल २०२५ से प्रारंभ हो रहा है ।
संवत्सर फल --
इस वर्ष संवत् २०८२ शक १९४७ से सिद्धार्थी नाम का संवत्सर रहेगा । जो पूरे वर्ष संकल्प आदि में प्रयोग होगा । इस वर्ष राजा सूर्य व मंत्री सूर्य देव ही है । राजा वह मंत्री के एक रहने से राजनेताओं में परस्पर संबंध अनुकूल रहेंगे । भूकंप आदि से जनमानस में भय का माहौल जनधन की हानि हो सकती है। व्यापार के क्षेत्र में भारत की ख्याति बढ़ेगी । महंगाई से लोग परेशान रहेंगे। कुछ राष्ट्रों में खराब स्थिति हो सकती है जिसके फल स्वरुप जनधन की भारी हानि हो सकती है। भारत को अपने पड़ोसी देशों से सावधान रहना चाहिए। और भारत में अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ सकती हैं। बारिश के व्यापक योग हैं। किसानों को खेती मैं हानि हो सकती है।
वर्ष अपैट --
मेष ,सिंह ,धनु राशि वालों के लिए वर्ष अपैट है ।
उपाय --
चंद्रमा का दान करें।
संक्रांति अपैट--
कर्क वृश्चिक मीन राशि वालों को संक्रांति अपैट है ।
तुला व वृश्चिक राशि वालों के लिए विषुवत वाम पाद दोष है ।
सप्तशती का पाठ करें । चांदी का पद दान करें।
शनि की साढ़ेसाती व ढैया --
इस वर्ष शनि देव कुंभ राशि में रहेंगें। मकर कुंभ मीन वालों को शनि की साढ़ेसाती रहेगी ।
मकर राशि के पैर में
कुंभ के राशि के हृदय में
मीन राशि के सिर पर प्रभाव रहेगा ।
कर्क , वृश्चिक को ढैया रहेगी ।
४ मई २०२५ को शनि देव राशि परिवर्तन करेंगे । कुंभ मीन मेष राशि को साढ़ेसाती लगेगी ।
१७ सितंबर २०२५ को शनि वक्री होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
२३ जनवरी २०२६ को शनि मार्गी होकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे ।
उपाय --
शनि देव के प्रभाव से बचने के लिए सुंदरकांड ,हनुमान चालीसा ,शनि चालीसा ,शनि दान ,शनि का जप करना चाहिए।
सभी सनातनी हिंदू धर्म के पलकों को नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आपका पूरा वर्ष सुख पूर्वक यापन हो यही कामना करता हूं।
आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा