श्री गणेश पञ्चरत्नम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
श्री गणेश पञ्चरत्नम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 18 जनवरी 2021

श्री गणेश पञ्चरत्नम्

          ।। गणेश पञ्चरत्नम् ।।

मुदा करात्तमोदकं सदा विमुक्ति साधकं

कला धरावतंसकं विलासिलोक रञ्जकम् ।

अनायकैक नायकं विनाशितेभ दैत्यकं 

नताशुभाशुनाशकं नमामि तं विनायकम् ॥ १ ॥ 

नतेतराति भीकरं नवोदितार्कभास्वरं  

नमत्सुरारि निर्जरं नताधिकापदुद्धरम् ।

सुरेश्वरं    निधीश्वरं  गजेश्वरं  गणेश्वरं

महेश्वरं तमाश्रये परात्परं निरन्तरम् ॥ २ ॥ 

समस्तलोकशङ्करं निरस्तदैत्यकुञ्जरं

दरेतरोदरं   वरं   वरेभवक्त्रमक्षरम् ।

कृपाकरं क्षमाकरं मुदाकरं यशस्कर 

नमस्करं नमस्कृतां नमस्करोमि भास्वरम् ॥ ३ ॥ 

अकिंचनार्ति मार्जनं चिरन्तनोक्ति भाजनं 

पुरारि पूर्व नन्दनं सुरारि गर्व चर्वणम् 

प्रपञ्चनाश भीषणं धनञ्जयादि भूषणं 

कपोलदानवारणं भजे पुराणवारणम् ॥ ४ ॥ 

नितान्त कान्त दन्त कान्ति मन्त कान्त कात्मजं 

मचिन्त्य रूप मन्त हीन मन्तराय कृन्तनम् । 

हृदन्तरे निरन्तरं वसन्तमेव योगिनां 

तमेकदन्तमेव तं विचिन्तयामि संततम् ॥ ५ ॥ 

महागणेश पञ्चरत्न मादरेण योऽन्वहं

प्रगायति प्रभातके हृदि स्मरन् गणेश्वम् ।

अरोगता मदोषतां सुसाहिती सुपुत्रतां 

समाहितायुरष्टभूतिमभ्युपैति सोऽचिरात् ॥ ६

 ॥

 ॥श्रीमच्छङ्कशचार्यकृतं गणेशपञ्चरत्नस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।

ॐ जय गौरी नंदा

         डाउनलोड ऐप  आज की तिथि  त्योहार  मंदिर  आरती  भजन  कथाएँ  मंत्र  चालीसा  आज का विचार  प्रेरक कहानियाँ  ब्लॉग  खोजें होम भजन ओम जय ग...