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बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

महाशिवरात्रि व्रत

💐महाशिवरात्रि व्रत 💐

(फ़ाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी)

यह भगवान शंकर का अत्यन्त महत्वपूर्ण व्रत है । इस दिन प्रातःकाल स्नानादि से पवित्र होकर अपने पापों को नाश करने और अक्षय मोक्ष की प्राप्ति की कामना से यह शिवरात्रि व्रत करना चाहिए ' संकल्प करके भगवान शंकर की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए । दिनभर उपवास करना और विल्बपत्र , पुष्पों और वस्त्रों से सजाकर एक सुन्दर मण्डप तैयार करना चाहिए । मण्डप में लिंगतोभद्र वेदी बनाकर उस पर कलश स्थापित करके कलश पर शिव - पार्वती की स्वर्णमयी मूर्ति स्थापित करनी चाहिए । मूर्ति के पास ही भगवान शिव के वाहन नंदी की भी चांदी की प्रतिमा बनानी चाहिए । भगवान शंकर की बिल्वपत्रों से पूजा करनी चाहिए । रातभर जागरण करके भगवान शिव की कथाओं का श्रवण - मनन करना चाहिए । दूसरे दिन प्रातःकाल स्नान - संध्या के पश्चात हवन करके ब्राह्मणों को दान - दक्षिणा देकर और भोजन कराकर स्वयं भी भोजन करना चाहिए। 

 पूजन विधि --

प्रातःकाल नदी या तालाब के पानी में स्नान करके शुद्ध धुले वस्त्र धारण करके श्रद्धा भक्ति सहित व्रत रखकर मंदिर में अथवा घर पर ही भगवान शिव - पार्वती की पूजा करनी चाहिए ।

शिवरात्रि की रात्रि घर मे शिव पार्थिव लिंग ( मिट्टी ,साठी चावल का आटा ,बालू ,गाय गोबर ) आदि से निर्माण कर भगवान शिव जी की चार प्रहर का पूजन , अभिषेक योग्य ब्राह्मण के द्वारा करना चाहिये । पूजन में  गंगाजल ,दूध,दही ,घी ,शहद ,शक्कर ,वस्त्र, रोली , मोली , अक्षत ( चावल ) फूल ,हार विल्बपत्र , वेलफल , धतूरा, आंख का पुष्प , धुप , दीप, नैवेद्य , फल ताम्बूल(पान ) , पुंगीफल ( सुपारी ) दक्षिणा - इत्यादि का प्रयोग करें ।   भगवान शिवजी की आरती उतारें । " शिव चालीसा ” तथा “ शिव सहस्रनाम " का पाठ करना चाहिए । ॐ नमः शिवाय , ॐ महेश्वराय नमः इत्यादि दिव्य शिव मंत्रों का अधिकाधिक जप करें । पाठ और जप के पश्चात शंकरजी पर घुटी - पिसी भांग चढ़ाई जाती है । शेष भांग का शिवजी के प्रसाद के रूप में स्वयं पान करें तथा शिव भक्तों एवं परिवार के सदस्यों को शिव प्रसाद के रूप में दें । जिन परिवारों में पुत्र का जन्म अथवा विवाह होता है , लड़की की मां शिवजी पर पानी का घड़ा ( जेअर ) चढ़ाती हैं । 

व्रत सम्बन्धी सावधानी --

एकादशियों के समान ही इस व्रत में भी नमक और अन्न का सेवन न करें , केवल फलाहार करें । आलस्य का त्याग करें ।फलाहार शाम को करना चाहिये । रात्रि में जागरण करें तथा शिवजी का भजन करें । यदि रात्रि में नींद सताये तो भगवान की प्रतिमा के समीप ही शयन करें । इस व्रत के दिन चारपाई पर बैठने तथा सोने का निषेध है । 

उत्तरी भारत में गंगाजी से पैदल गंगाजल लाकर भी विभिन्न शिव - मन्दिरों पर चढ़ाई जाती हैं और शिव मन्दिर में रात्रि भर शिवजी के भजनों का गायन वादन व ब्राह्मणों के द्वारा वेदमंत्रो से रात्रि में चार प्रहर की पूजा अभिषेक किया जाता है ।

।। विशेष ।।
🔱 महाशिवरात्रि को ये उपाय चमका सकते हैं आपकी किस्मत 👇
1 -जिन बच्चों के विवाह में हो रहा विलम्ब वे केशर मिश्रित दूध से करें शिव पूजा ।
2 - घर मे कलह की शांति के लिए करें शिव पूजा ।
3 - धन की चाह रखने वालों को नारियल या गन्ने के रस से करें शिव पूजा ।
4 - आरोग्यता के लिए कुशा के रस से करें शिव पूजा ।
5 -वास्तु दोष शांति के लिए करें शिव पूजा लघु रुद्र का पाठ ।
5 - संतान सुख ले लिए करें चावल के आटे से करें शिवलिंग निर्माण व पूजन लघु रुद्र का पाठ ।
6 -विद्या प्राप्ति के लिए करें शिव पूजा  है ।
7 -मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं । इस दौरान भगवान शिव का ध्यान करते रहें । यह धन प्राप्ति का सरल उपाय है ।
8 -  शिवरात्रि पर 21 बिल्व पत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं । इससे आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं ।
9 - शिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं । इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और परेशानियों का अंत होगा ।
10 - शिवरात्रि पर गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी ।
11 - पानी में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें व ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें । इससे मन को शांति मिलेगी ।
12 - शिवरात्रि पर घर में पारद की शिवलिंग की स्थापना करें व रोज इसकी पूजा करें । इससे आपकी आमदनी बढ़ाने के योग बनते हैं ।
13 - शिवरात्रि के दिन चावल के आटे से 108 शिवलिंग बनाएं  इनका जलाभिषेक करें । इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं ।
13 - शिवलिंग का 101 बार जलाभिषेक करें । साथ ही ॐ हौं जूँ सः । ॐ भूर्भुवः स्वः । ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मुक्षीय मामृतात् । ॐ स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूँ हौं ॐ । मंत्र का जप करते रहें । इससे बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है ।
14 - शिवरात्रि पर भगवान शिव को तिल व जौ चढ़ाएं । तिल चढ़ाने से पापों का नाश व जौ चढ़ाने से सुख में वृद्धि होती है ।

।। हर हर महादेव ।।

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ॐ जय गौरी नंदा

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