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सोमवार, 12 अप्रैल 2021

नव वर्ष नव संवत्सर फल संवत २०७८

 नव वर्ष नव संवत्सर फल संवत २०७८

नव संवत्सर फल -

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इस वर्ष के प्रारम्भ में आनन्द ' नामक संवत्सर रहेगा । वैशाख कृष्णपक्ष रविवार ( २ मई २०२१ )  राक्षस नामक संवत्सर का प्रवेश होगा , किन्तु वर्ष पर्यन्त संकल्पादि में आनन्द ' संवत्सर का ही विनियोग करना चाहिए । इस वर्ष राजा मंगल तथा मन्त्री भी मंगल  ही है । राजा और मन्त्री एक ही होने से सत्तापक्ष में आन्तरिक समरसता बनी रहेगी ।  प्राकृतिक आपदा से भूकम्प , समुद्री तूफान , कहीं महानगरों में उग्रवाद जन्य , जनधन हानि का संकेत है । विश्व के पश्चिम - दक्षिण भूभाग में भूकम्प , अग्निकाण्ड , यान दुर्घटना या अन्य दैविक प्रकोप से हानि होगी । विश्व व्यापार में परिवर्तन होकर सुधार होने पर भी अनेक राष्ट्रों में महंगाई , बेरोजगारी की  समस्यायें उभरेगी । देश के अनेक प्रान्तों में ठगी लूट चोरी आदि की घटनाये वर्ष घटित होगी । कट्टरवादी ताकतें दक्षिणी - पशिमी प्रान्त व देश के मध्य भाग में अनेक उपद्रवकारी घटनाओं को जन्म देगी । वर्षलग्न के विचार शक्तिशाली देशो में अस्तित्व को लेकर बार - बार संघर्ष की स्थितियाँ उत्पन्न होगी ।

सज्जन साधु दुखी होंगे , दुर्जन चोर डकैत मालामाल होंगे। बारिश मध्यम होने से खेत सूख जायंगे खड़ी फसलो को भारी नुकसान होगा ।

वर्षाधिकारी --

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पद   -   देवता   - फल

राजा -   मंगल -   अग्निभय

मंत्री -    मंगल -    बीमारियाँ

सस्येश - शुक्र -     सुखदाई

धान्येश - बुध -      अधिक वर्षा

मेघेश -    चंद्र -     अधिक लाभ

रसेश-     सूर्य -      निरसता

निरसेश - शुक्र -     लाभ

फलेश-   चंद्र -       जनधन लाभ

धनेश -   गुरु -        लाभ

दुर्गेश-   चंद्र -        आनंद

मेषादि राशि आय व्यय चक्र

विषुवत संक्रान्ति चक्र 

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विशेष-  इस वर्ष विषुवत संक्रान्ति  वामपाद दोष जिन जातकों का जन्म नक्षत्र कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा है उन्हें विषुवत संक्रान्ति अरिष्ट निवारण हेतु चांदी का पैर, वस्त्र,चावल दान कर शिवार्चन करें। 


 चन्द्रबल अशुद्धि (अपैट) 

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विषुवत संक्रांति वृष कन्या मकर  राशि के जातकों को अपैट है।

शान्ति के लिए दुर्गासप्तशती पाठ कर वस्त्र,अन्नादि दान करें।। 

मेपादि राशियो का वार्षिक फल -

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संवत २०७८ 

मेष - मेष राशि वालों को इस वर्ष मन में उत्साह  मनोबल ऊंचा रहेगा । अनेक उपलब्धि प्राप्त होगी । आर्थिक सम्पन्नता बनी रहेगी । कारोबारी गतिविधियाँ सुचारु रुप से सम्पन्न होंगी । पारिवारिक एवं कुटुम्बीय तनाव में कमी होंगी । वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये यह वर्ष सामान्य रहेगा । मानसिक व्यथा रहेगी । स्त्रियों को कष्ट , स्वजनो से विरोध होगा । सट्टा शेयर व्यसनादि से हानि होगी । भाई बहनों के साथ सामंजस्यता कम होगी । सम्पत्ति , वाहन के क्रय विक्रय हेतु वर्ष उत्तम है । सन्तान पक्ष की उन्नति के योग है । न्यायालीय कार्यों में मंदगति से प्रगति होगी । वर्ष के १,४,८,१२ मास नेष्ट है । 


वृष - यह वर्ष वृष राशि वालों के लिये उन्नतिदायक होगा । विलासिता पर व्यय होगा । कुछ संघर्ष पश्चात सफलता मिलेगी । मित्रों से सहयोग प्राप्त होगा । स्वास्थ्य सम्बन्धी अल्प कष्ट संभव है । वाद विवाद से दूर रहे । जठर संबंधी व्याधि होगी । नवीन सम्पत्ति क्रय हेतु वर्ष का उत्तरार्द्ध शुभ है। विद्यार्थीयों को उचित सफलता प्राप्त नहीं होगी । सामाजिक तथा न्यायालीय कार्यों में प्रगति तथा दाम्पत्य में तनाव होगा । धार्मिक कार्य सम्पन्न होगे । कर्मचारीयो के लिए यह वर्ष शुभ है । वर्ष के १,३,५ , ९ मास नेष्ट है । 


मिथुन - मिथुन राशिवालों को अष्टम शनि की ढैया चलेगी । अतः विश्वासघात संभव है । धनहानि , कुटुम्ब सुख में कमी आयेगी । अत्यधिक पूंजी निवेश करने में परहेज करें हानि संभव है तथा अनावश्यक अपव्यय होगा । वाणी में कटुता से विवाद संभव है । भाई बहनों के साथ सामन्जस्यता का अभाव रहेगा । विद्यार्थीयों को उचित सफलता प्राप्त नहीं होगी । कोई अनिच्छित समझौता संभव है । संतान पक्ष से मतभेद होगा । शत्रु से कष्ट संभव है । गृहस्थ जीवन में सामान्य सुख सहयोग बना रहेगा । वर्ष के २,४,६,१० मास नेष्ट है । 

कर्क - कर्क राशिवालों को इस वर्ष कुछ बाधाओं एवं संघर्ष के पश्चात सफलता मिलेगी । सहयोग द्वारा सम्पत्ति अर्जित होगी तथा बाधित कार्य सम्पन्न होंगे । कुटुम्बीय सहयोग मिलेगा । धैर्य में कमी तथा आवेश में किये कार्य द्वारा हानि संभव है । सम्पति , वाहन के क्रय विक्रय में लाभ होगा । राजनैतिक सम्बन्धों में प्रगाढ़ता होगी । माता पिता के स्वास्थ्य में बाधा संभव है । विद्यार्थियों हेतु यह वर्ष उत्तम रहेगा । किसी पर्यटन स्थल की यात्रा संभव है । संतान पक्ष की 3 समस्याएँ कम होंगी । व्यापार में लाभ होगा । उच्चपदाधिकारियो से संबध लाभप्रद होगा । वर्ष के ३,५,७,११ मास नेष्ट है । 

सिंह - यह वर्ष अधिकांशतःलाभप्रद रहेगा । पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी । स्वास्थ्य उत्तम रहेगा , कार्यक्षेत्र का प्रसार कष्टों में कमी होगी । प्रतिष्टित जनों से सम्पर्क होगा । उच्चपद की प्राप्ति , राजसम्मान , आर्थिक मामलों में लाभ होगा । बाधित धन की प्राप्ति होगी । भोग विलास पर व्यय होगा । सम्पत्ति के क्रय विक्रय में लाभ होगा । माता - पिता संग धार्मिकयात्रा अथवा पत्नी के संग यात्रा सभव है । विद्यार्थियों के लिये यह वर्ष अध्ययन की दृष्टि से लाभकारी रहेगा । स्त्री से तालमेल बना रहेगा । धार्मिक कार्य सफल होंगे । नौकरी वालों के लिये यह वर्ष लाभकारी रहेगा । वर्ष के ४,६,८,१२ मास नेष्ट है । 


कन्या - यह वर्ष सुखदायी रहेगा । कार्य मंद गति से सम्पत्र होंगे । स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायें संभव है । आर्थिक मामलों में सामान्य संघर्ष होगा । धन का अपव्यय होगा । भूमि क्रय का योग है । माता - पिता को शारीरिक कष्ट होगा । कर्मचारियो हेतु वर्ष सामान्य रहेगा । अतिरिक्त लाभ का योग है । व्यापार में अस्थिरता रहेगी । धार्मिक कृत्यों में अभिरुचि रहेगी । बौद्धिक कार्यों में यश की प्राप्ति होगी । न्यायातीय कार्यों में सकारात्मक स्थिति बनेगी । परिवारिक मतभेदो में सुधार होगा । कुटुम्बाय सुख की प्राप्ति होगी । वर्ष के १,५,७ , ९ मास नेष्ट है । 


तुला - तुलाराशि को चतुर्थ शनि की ढैय्या का प्रभाव रहेगा । सभी कार्य मंद गति से सम्पन्न होगें । लघुयात्रा का योग है । मानसिक तनाव रहेगा । अत्यधिक विस्वास हानिप्रद होगा । विलासिता पर व्यय होगा । व्यवसाय में अल्पलाभ वाणी कटुता से विवाद संभव है । भाई बहनों की उन्नति होगी । भूमि मकान , वाहन के क्रय विक्रय में हानि होगी । माता पिता से मतभेद संभव है । विद्यार्थियों को अध्य्यन क्षेत्र में अभिरुचि कम होगी । सन्तान पक्ष से सामान्य सहयोग होगा । वैवाहिक जीवन समान्य । विरोधियो से मित्रता संभव है । न्यायालीय कार्यों में अस्थिरता रहेगी । वर्ष के २,६,८,१० मास नेष्ट है । 


वृश्चिक - वृश्चिकराशि वालों को यह वर्ष अधिकांशत : लाभ एवं उन्नति का होगा । संघर्षित कार्यों एवं कठिन परिस्थितियों का समाधान होगा। स्वजनो से विरोध होगा । कार्यक्षेत्र में नवीन लाभकारी संभावनायें बनेगी । आय के स्रोत में वृद्धि होगी । परिवार में धार्मिक तथा माङ्गलिक कार्य होंगे । प्रतिष्ठित व्यक्तियों से संम्पर्क होगा । विद्यार्थियों को अध्ययन में अभिरुचि होगी । संतानपक्ष से भावनात्मक स्नेह होगा । न्यायालीय कार्यों में मंद प्रगति होगी । संयमित जीवन व्यतीत होगा । धार्मिक कार्यों में अभिरुचि होगी । व्यवसाय में वृद्धि तथा लाभ होगा । नौकरी में सुधार होगा । वर्ष के ३,६,७ , ९ मास नेष्ट है ।


 धनु - धनुराशि वालों को शनि की साढ़ेसाती पैर पर रहेगी । मानसिक कष्ट , कार्यों में विलम्ब तथा बाधा आयेगी ।। विरोधियो से व्यर्थ विवाद होगा । अनावश्यक व्यय तथा भागदौड़ से कष्ट संभव है । पारिवारिक कलह से तनाव होगा । वर्ष के मध्य से आय के साधनों में वृद्धि होगी । भाई बहनों को उन्नति के योग है । जठर संबंधी रोग से कष्ट सम्पत्ति , वाहन के क्रय विक्रय से हानि संभव है । वाहन दुर्घटना संभव है । व्यापार का विस्तार होगा । कर्मचारी वर्ग के लिये भविष्य में लाभ अथवा पदोन्नति होने की संभावना है । वर्ष के ४,८,१०,१२ मास नेष्ट है ।


मकर - मकरराशि वालो के लिये शनि की साढ़ेसाती हृदय पर रहेगी । भय की अधिकता तथा रक्तचाप से कष्ट होगा । कार्यक्षेत्र में कष्ट तथा मानसिक तनाव रहेगा । नौकरी में पदच्युति अथवा स्थानान्तरण तथा अल्प स्वास्थ्य सम्बन्धी काए संभव है । उत्तम व्यवहार से लाभ होगा । सामाजिक मान सम्मानमें वृद्धि होगी । माता पिता द्वारा सहयोग । विद्यार्थियों को अध्ययन में अथक परिश्रम होगा , स्त्री द्वारा हानि संभव है । संतानपक्ष से भावनात्मक स्नेह होगा । दाम्पत्य में वैचारिक मतभेद होगा । वर्ष के ५ , ९ , १०,११ मास नेष्ट है । 


कुम्भ - कुम्भ राशिवालों को सिर पर शनि की साढेसाती का प्रभाव रहेग । मानसिक कष्ट तनाव अधिक रहेगा । भौतिक सुख साधनों पर अधिक व्यय होगा । धैर्यतापूर्वक घरेलू समस्याओं का समाधान होगा । भूमि क्रय विक्रय मकान वाहन आदि के लिये सोच विचार कर कार्य करें । विद्यार्थियों के लिये यह वर्ष अच्छा रहेगा । विद्यार्थीयों को अध्ययन में अभिरुचि उत्पन्न होगी सन्तान पक्ष से मतभेद संभव है । न्यायालीय कार्यों में अपव्यय संभव है । दम्पति अपने दायित्वों के प्रति उदासीन रहेगे । व्यापार में लाभ की स्थिति बनी रहेगी । नौकरी करने वालों की समस्याएं बढ़ सकती है । पत्नी का स्वास्थ्य में बाधा आयेगी । वर्ष के | २,६,१०,१२ , मास नेष्ट है ।

 मीन - मीन राशिवालों को यह वर्ष लाभकारी है । कुटुम्ब में सुखद वातावरण रहेगा । बाधित धन की प्राप्ति विदेश से लाभ संभव है । आर्थिक उन्नति हेतु प्रयास होगा । लाभ की स्थिति होगी । संगीत के प्रति रुचि बढ़ेगी । भाई बहनों के साथ सौहार्द बना रहेगा । नवीन सम्पत्ति के क्रय विक्रय के लिये वर्ष अच्छा रहेगा । सामाजिक संपर्कों में वृद्धि होगी । विद्यार्थियों के लिये अध्ययन क्षेत्र में अच्छी संभावनाएँ रहेंगी । सन्तान पर की उन्नति के द्वार खुलेंगे । विरोधी पक्ष का दवाव कम होगा । दाम्पत्य सुख में वृद्धि होगी स्वास्थ्य सामान्य रहेगा । नौकरी वालों के लिए पदोन्नति का योग है । व्यापार वालों की उन्नति होगी । वर्ष के १,३,७,११ मास नेष्ट है ।


शनि की साढ़ेसाती तथा ढैय्या विचार

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 इस वर्ष में शनि मकर राशि में भ्रमण करेगें।अत : मकर राशि के प्रभाव में धनु , मकर , कुम्भ राशि वालों के लिये शनि की साढ़ेसाती एवं तुला , मिथुन राशिवालों पर शनि की ढैय्या चलेगी । कुम्मराशि के सिर पर , मकरराशि के हृदय पर , धनुराशि के पैर पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा ।

शनि की साढ़ेसाती तथा ढैय्या के प्रभाव वालीराशियों के जातक को शान्त्यर्थ शनि का जपदानादि करना चाहिये तथा शनिस्तोत्रका पाठ करना चाहिये तथा हनुमान जी की आराधना व दर्शन अर्चन , शनिवार को पीपल के मूल में प्रदोषकाल में जलदान व दीपदान करें , बन्दर को चना गुड़ देना चाहिए शनिवार को सुन्दर काण्ड का पाठ तथा काले घोडे का नाल की अंगूठी मध्यमा अंगुली में धारण करें ।


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आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा
           वसई

ॐ जय गौरी नंदा

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