शुक्रवार, 22 अक्टूबर 2021

कुम्भ क्या है

कुम्भ क्या है--

कुम्भ पर्व सनातनी भारतीयों का सबसे प्राचीन पर्व है । कुम्भ पर्व वैदिक परम्परा का सबसे प्राचीन उदाहरण है ।सनातनी सभ्यता का प्रतिनिधित्व में प्रथम स्थान कुम्भ पर्व का है । साधु संतों को कुम्भ पर्व का प्रतीक व कुंभ संतो का जीवन माना जाता है । कुम्भ के समय सन्त व गृहस्थ बड़े हर्षोल्लास के साथ कुम्भ पर्व स्नान करते है ।साधु सन्त व गृहस्थ सभी मिलकर जगत कल्याण , धन - धान्य , सुख - आरोग्यता , ज्ञान प्राप्ति की कामना करते है । 

कुम्भ , कलस (घड़ा) का प्रतिरूप है । जब कोई शुभ मंगल कार्य किये जाते है तो वहाँ भी कुम्भ का प्रतिरूप कलस स्थापना की जाती है ,कुम्भ के मुख में विष्णु ,कण्ठ में रुद्र ,मूल भाग में ब्रह्मा जी विराजमान होते है । कलस स्थापना के समय सप्त सागर , मातृगण , सप्तद्वीप , चारों वेद , गंगादि तीर्थो व देवताओं का आवाहन किया जाता है । 

मांगलिक कार्यों में घट (कलस) स्थापन का विशेष शुभता का प्रतीक माना जाता है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपका धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो।
मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे

डॉक्टर से कैसे बचें

चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठे पन्थ असाढ़े बेल। सावन साग न भादों दही, क्वार करेला न कातिक मही।। अगहन जीरा पूसे धना, माघे मिश्री फागुन चना। ई बार...