आजकल कन्या विवाह में हो रहे विलम्ब की समस्या प्रायः प्रत्येक घरो में बनी हुई है ।
माता पिता को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है ।
शास्त्रो में वर्णित कात्यायनी देवी का अनुष्ठान बड़ा ही सिद्धप्रद है । विधि पूर्वक मंत्र का अनुष्ठान करना चाहिये। जिसमे केले के पत्तो का आसन कमल गट्टे की माला होनी चाहिये ।जप के समय कड़वा तेल का दीपक जलता रहना चाहिये ,लाल या पिला वस्त्र धारण कर २१ दिन तक जप करें। जप के काल मे ब्रह्मचर्य का पालन व पान खाते हुये जप करें ।
इस जप का ४१००० हजार पुरश्चरण है । जप को वृद्धि क्रम में करे ।
नित्य केले के वृक्ष का पूजन करें ।भोग प्रसाद में पीले पेड़े का प्रयोग करें ।
मंत्र--
कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।
नन्दगोप सुतं देवि पतिं में कुरु ते नमः ।।
अनुष्ठान के अंत मे दशांश हवन, मार्जन,तर्पण करें ।
ब्राह्मण भोजन में पीला अन्न जरूर परोसे
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा