गुरुवार, 17 मार्च 2022

कन्या विवाह हेतु सिद्ध अनुष्ठान

आजकल कन्या विवाह में हो रहे विलम्ब की समस्या प्रायः प्रत्येक घरो में बनी हुई है ।

माता पिता को अनेक कठिनाई का सामना करना पड़ता है । 

शास्त्रो में वर्णित कात्यायनी देवी का अनुष्ठान बड़ा ही सिद्धप्रद है । विधि पूर्वक मंत्र का अनुष्ठान करना चाहिये। जिसमे केले के पत्तो का आसन कमल गट्टे की माला होनी चाहिये ।जप के समय कड़वा तेल का दीपक जलता रहना चाहिये ,लाल या पिला वस्त्र धारण कर २१ दिन तक जप करें। जप के काल मे ब्रह्मचर्य का पालन व पान खाते हुये जप करें ।

इस जप का ४१००० हजार पुरश्चरण है । जप को वृद्धि क्रम में करे ।

नित्य केले के वृक्ष का पूजन करें ।भोग प्रसाद में पीले पेड़े का प्रयोग करें ।

मंत्र--

कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि ।

नन्दगोप सुतं देवि पतिं में कुरु ते नमः ।।

अनुष्ठान के अंत मे दशांश हवन, मार्जन,तर्पण करें ।

ब्राह्मण भोजन में पीला अन्न जरूर परोसे 

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आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा

नव संवत्सर २०७९

नव संवत्सर फल संवत २०७९

इस वर्ष के प्रारम्भ में राक्षस नामक संवत्सर रहेगा ।किन्तु अप्रैल से नल नाम संवत्सर का प्रवेश होगा । संकल्प आदि कार्यों में नल नाम संवत्सर का प्रयोग होगा ।

इस वर्ष राजा शनि व मंत्री गुरु होंगे । राजा व मंत्री में समभाव होने से वर्ष भर मिलाजुला प्रभाव होगा ।

राजा-- शनि

मंत्री-- गुरु 

राजा शनि के होने से प्रजा को कष्टों का सामना करना पड़ेगा । देश ,देशो में आपसी तनाव , विमान दुर्घटना ,रोग व्याधि का अधिक प्रभाव होगा ।भयंकर प्राकृतिक प्रकोप से हानि का भय होगा । भीषण गर्मी, भूकंप ,जलप्रलय आदि प्रकोप होगा । वर्षा के निम्न योग है जिसके कारण कुछ स्थानों में सुखा पड़ने से फसलों में कमी होगी । राजा व मंत्रियों के द्वारा प्रजा के कल्याण हेतु अनेक योजनाएं बनेगें किन्तु महंगाई से प्रजा त्रस्त होगी ।

वर्ष अपैट --

यह वर्ष मेष ,सिंह ,धनु राशि वालो के लिए वर्ष अपैट रहेगा ।शुभ वार त्योहारों में सफेद वस्तु का दान करें ।

राशि फल --

१ - मेष राशि - उन्नति

२- वृष - सुख

३ - मिथुन - संधर्ष

४ - कर्क - उत्तम

५ - सिंह - शुभकारक

६ - कन्या - मिलाजुला

७ - तुला - कष्टकारक 

८ - वृश्चिक -  सावधानी रखें

९ - धनु - शुभ

१० - मकर - चिंता

११ - कुम्भ - संघर्ष

 १२ - मीन - अनुकूल

शनि की साढ़ेसाती--

इस वर्ष शनि महाराज मकर राशि मे रहेंगे। धनु , मकर ,कुम्भ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा । मिथुन तुला राशि के जातकों पर शनि की ढय्या चलेगी । शनि की साढ़ेसाती कुम्भ के सिर ,मकर के हृदय, धनु के पैर में प्रभाव रहेगा। फाल्गुन कृष्ण १४ फरवरी२०२३ से शनिदेव कुम्भ राशि पर प्रवेश करने से मकर ,कुम्भ ,मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी और कर्क , वृश्चिक राशि के जातकों को ढय्या का प्रभाव रहेगा ।

जिन राशि के जातकों पर शनि की ढय्या या साढेसाती चल रही है वे हनुमान चालीसा ,सुन्दर कांड का पाठ व शनि का व्रत करें । शनिवार को पीपल में जलदान व सायं में दीप दान करें। शनिवार को लोहे की अंगूठी धारण करें । शनिवार को शनिदान करें।

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ॐ जय गौरी नंदा

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