बुधवार, 12 मार्च 2025
ऑनलाईन दक्षिणा दान सेवा
परम यशस्वी भक्त कल्याणकारी जन
देव ,गुरु , ब्राह्मण,माता ,पिता में आस्था रखने वाले भक्त जन श्रद्धा अनुरूप दान वार, त्योहार पर भेंट प्रेषित कर सकते है ।
।। हर हर महादेव ।।
।। जय श्री राम।।
।।जय श्री राधे कृष्णा ।।
🚩सनातन धर्म की जय हो🚩
सोमवार, 13 जनवरी 2025
मकर संक्रांति उतरैणि त्योहार
।।ॐ।।
नारायणं नमस्कृत्य नरं चैव नरोत्तमं ।
देवीं सरस्वतीं व्यासं ततो जय मुदिरयेत् ।।
मकर संक्रांति उत्तरैणी --
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सनातन हिन्दू धार्मिक त्योहार व पर्व भारतीय महीनों व तिथियों के आधार पर मनाये जाते है । केवल मकर संक्रान्ति जनवरी माह के चौदह या पन्द्रह तारिक को ही पड़ती है, चाहे कोई भी तिथि हो । कारण यह है कि सुर्य जब एक राशि से दूसरे राशि मे प्रवेश करता है तो वही दिन संक्रान्ति का माना जाता है । ज्योतिष के अनुसार मेषादि बारह राशियां होती है ।जब सूर्य धनु से मकर राशि मे प्रवेश करता है । तो मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाता है । जो मकर संक्रांति या उत्तरैणी के रूप में मनाया जाता है ।
सूर्य एक राशि मे तीस दिन भ्रमण करते है । तब हिंदुओ का एक महीना माना जाता है । संक्रांति हर महीने आती है पर मकर , कर्क संक्रांति विशेष महत्व रखती है । जिससे उत्तरायण व दक्षिणायन का पता चलता है । मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण व कर्क संक्रान्ति से सूर्य दक्षिणायन में रहते है । उत्तरायण में राते छोटी व दिन बड़े दक्षिणायन में रात्रि बड़ी व दिन छोटे है।
मकर संक्रांति उत्तरायण से सभी शुभ मांगलिक कार्यो का शुभारंभ हो जाता है ।
मकर संक्रांति उत्तरैणी व्रत --
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मकर संक्रांति के व्रत का विधान बहुत ही सरल है । मकर संक्रांति के दिन प्रातःकाल गंगा स्नान ,तिल के तेल मिश्रित पानी से स्नान करना , तिल तेल लगाना, तिल से हवन ,तिल मिश्रित पानी पीना व तिल से बने भोज्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।आज के दिन तिल व तिल से बने भोज्य पदार्थों सदक्षिणा ब्राह्मण को हरि नाम लेते दान देना चाहिए ।
ग्रन्थों में लिखा लिखा है आज के दिन यशोदाजी ने कृष्ण जन्म के लिए व्रत किया था ।
उत्तर व पूर्वी प्रदेशों में आज के दिन खिचड़ी खाने का विशेष महत्व है ।
उत्तरैणी त्योहार --
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उत्तराखंड में तो मकर संक्रांति को उत्तरैणी के रूप में मनाया जाता है । उत्तरैणी के एक दिन पूर्व पहले दिन गर्म पानी से नहाया जाता है उस दिन को कहते है तत्वाणी इस तत्वाणी की रात को ग्राम नगर में लोगों का समूह मिलकर पकोड़ी पकवान बनाकर खाते है रात भर भजन कीर्तन हरि नाम संकीर्तन करते उत्तरैणी के ब्रह्म मुहूर्त में ठंडे पानी से नहाया जाता है जिसे कहते है सिवाणी
।। 'आज तत्वाणी , भो सिवाणी'।।
उत्तरैणी के दिन माताएं आटे से घुगत डमरू आदि बनाते है । घुगत सबसे पहले इष्टदेवता को चढ़ाकर फिर घुगत की माला बच्चों के गले मे डाली जाती है ।
मकर संक्रांति पर शनि राहु केतु से बचने का उपाय --
आज के दिन कम्बल का दान देने से ये तीनों ग्रह शनि, राहु, केतु प्रसन्न होते है ।
तिल गुड़ चावल ऊनी वस्त्र का श्रेष्ठ दान करें ।
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सोमवार, 30 दिसंबर 2024
प्रयागराज महाकुंभ पर्व २०२५
प्रयागराज में महाकुंभ पर्व 2025--
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मकरे च दीवानाथे वृष राशि गाते गुरौ ।
प्रयागे कुंभयोगौं वैं माघमासे विधुक्षये ।।
प्रयागराज में महाकुंभ पर्व प्रत्येक बारह वर्ष पर प्रयाग में महाकुंभ पर्व मनाने की परंपरा है जब सूर्य एवं चंद्रमा मकर राशि में होते हैं और अमावस्या होती है तथा मेष अथवा बृहस्पति होते हैं।
तब प्रयाग में कुंभ महापर्व का होता है।
इस वर्ष संवत २०८१ शाके १९४६ में माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या बुधवार दिनांक २९ जनवरी २०२५ ई को महाकुंभ का योग हो रहा है
इस दिन प्रयाग में मुख्यस्नान होगा । तदनुसार महाकुंभ के मुख्य प्रमुख स्नान का विवरण
प्रथम शाही स्नान --
माघ कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि मंगलवार १४.१.२०२५ को मकर संक्रांति पर ।
द्वितीय शाही स्नान --
(मुख्य स्नान) माघ कृष्ण पक्ष अमावस्या बुधवार २९.०१.२०२५ को मौनी अमावस्या पर।
तृतीया शाही स्नान --
माघ शुक्ल पक्ष पंचमी सोमवार ०३ फरवरी २०२५ को बसंत पंचमी पर होगा ।
इसके अतिरिक्त १३ जनवरी २०२५ सोमवार को और पौष शुक्ला पूर्णिमा पर ।
दूसरा ०४ फरवरी २०२५ मंगलवार को अचला सप्तमी पर ।
१२ फरवरी २०२५ बुधवार को माघ शुक्ल पूर्णिमा तथा ।
फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी बुधवार २६ फरवरी २०२५ को महाशिवरात्रि पर भी स्नान होगा।
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