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डॉक्टर से कैसे बचें
चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठे पन्थ असाढ़े बेल। सावन साग न भादों दही, क्वार करेला न कातिक मही।। अगहन जीरा पूसे धना, माघे मिश्री फागुन चना। ई बार...
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प्रातः व सायंकाल नित्य मंगल श्लोक का पाठ करने से बहुत कल्याण होता है। दिन अच्छा बीतता है। दुःस्वप्न भय नही होता है। धर्म मे वृद्धि ,अज्ञानता...
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असुर मर्दिनी माँ दुर्गा का ही एक रूप है वनदुर्गा उन्हें जंगलों की देवी बनदेवी या शाकम्भरी भी कहते है ।जो हर जीव की माँ के रूप में रक्षा करती...
पंडित जी नमस्कार
जवाब देंहटाएंपुराण में बहुत सारे वर्णन मुझे काल्पनिक लगते हैं क्योंकि लेखकों ने अपना स्वार्थ भी लिख दिया है गीता में अर्जुन के प्रश्न का भगवान श्री कृष्ण ने कहीं पर भी नहीं दिया है वर्णसंकर और श्राद्ध के बारे में समय तो लिखें
गीता के द्वितीय अध्याय में लिखा है । बहुत सारे रहस्य अलग अलग ग्रंथो में जरूर मिलेगा ।
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