सोमवार, 22 जून 2020

श्रीकाल भैरवाष्टकम

  ।।श्री काल भैरवाष्टकम ्।।

ॐ देवराज सेव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं

व्याल यज्ञ सूत्रमिन्दु शेखरं कृपाकरम

नारदादि योगिवृन्द वन्दितं दिगंबरं

काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥


भानु कोटि भास्वरं भवाब्धि तारकं परं

नील कण्ठ मीप्सितार्थ दायकं त्रिलोचनम ।

काल काल मंबुजाक्ष मक्षशूल मक्षरं

काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥


शूल टङ्क पाश दण्ड पाणि मादि कारणं

श्याम काय मादि देव मक्षरं निरामयम ।

भीम विक्रमं प्रभुं विचित्र ताण्डव प्रियं

काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥


भुक्ति मुक्ति दायकं प्रशस्त चारु विग्रहं

भक्त वत्सलं स्थितं समस्त लोक विग्रहम ।

विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं

काशिका पुराधि नाथ कालभैरवं भजे ॥४॥


धर्मसेतु पालकं त्वधर्म मार्गनाशकं

कर्मपाश मोचकं सुशर्मदायकं विभुम ।

स्वर्ण वर्ण शेष पाश शोभिताङ्ग मण्डलं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥


रत्नपादुका प्रभाभिरामपादयुग्मकं

नित्यमद्वितीयमिष्ट दैवतं निरञ्जनम ।

मृत्यु दर्प नाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥


अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसन्ततिं

दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम ।

अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकन्धरं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥


भूतसङ्घनायकं विशाल कीर्तिदायकं

काशिवास लोकपुण्य पापशोधकं विभुम ।

नीतिमार्ग कोविदं पुरातनं जगत्पतिं

काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥


कालभैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरं,

ज्ञानमुक्ति साधनं विचित्र पुण्यवर्धनम ।

शोक मोह दैन्य लोभ कोप ताप नाशनं

ते प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रि सन्निधिं ध्रुवम ॥९॥


।।इति श्रीमच्छङ्कराचार्य विरचितं कालभैरवाष्टकं संपूर्णम ।।



7 टिप्‍पणियां:

आपका धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो।
मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे

ॐ जय गौरी नंदा

         डाउनलोड ऐप  आज की तिथि  त्योहार  मंदिर  आरती  भजन  कथाएँ  मंत्र  चालीसा  आज का विचार  प्रेरक कहानियाँ  ब्लॉग  खोजें होम भजन ओम जय ग...