गुरुवार, 8 अप्रैल 2021

कुमाऊँनी भजन माला

॥ भजन ।।

जै जै हो बदरीनाथा ॥ 

ॐ जै जै हो बदरीनाथा ,जै काशी केदारा ,जै जै हिमाला।

 देवतों की तपोभूमि ,संतों की तपोभूमि ,जै हरि हरिद्वारा ।। 

 जै जै हिमाला । 


नीलकंठ जै त्रिशूल , जै जै हो चौखम्बा । 

नंदा देवी पंचचूली , जै तेरी गौमुखा ।

शिवजी की तपोभूमि , पार्वती को मैता ।। 

जै जै हिमाला । 


यह हमारि स्वर्गभूमि , बदरीनाथ धाम रे ।

ढुंग - माटू में राम - श्याम , डाय - बोटि भगवान रे ।।

बागनाथा जागनाथा , रुद्रनाथा तुंगनाथा , 

भगवती को थाना ।। 

जै जै हिमाला ।


जै घन्याल , जै पटवाल , भूमि का भूम्याला रे । 

स्वर्गजनी भूमि मेरि , जै जै हो घन्याल रे ।। 

रंग - रंगीलो मुलुक मेरो , देवतों को वासा ।। 

जै जै हिमाला ।


॥ भजन।।

 जै मैया दुर्गा भवानी ॥ 

ॐ जै मैया दुर्गा भवानी जै मैया ।

तेरी सिंह की माता सवारी , हाथ चक्र सुदर्शनधारी । 

डान कानौ में तेरो निवास , दूनागिरि में जली रै जोत ।। 

जै मैया ...

तेरी जैकार माता उपट्टा , तेरी जै जै हो देवी का धूरा । 

तेरी जैकार माता गंगोली , तेरी जै जै हो कायी गाड़ काली ।। 

जै मैया ...

दूनागिरि की सिंहवाहिनी , तेरी जै जै हो चन्द्रबदनी । 

तेरी जैकार हे माता नन्दा , तेरी जै जै हो देवी मानीला ।। 

जै मैया ... 

तेरा नाना रूपों मैं प्रणाम , दिए भक्ति का हमें तू ज्ञान ।

तेरा भगत जोड़नी हाथ , धरि दिए सबू की तू लाज ।। 

जै मैया ...



निर्वाण भजन--

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जपि ले भाई हरिक नाम । अन्त समय जो आल काम ।। 

हाथ ओ पैर थाकिला जब । यम का दूत मारीला तब ।।

भाई भतीजा सब कुटुम । दगड़ रये सारे जनम ।। 

अन्त समय निआना काम । जपि ले भाई हरिक नाम । 

छोड़दे भाई माया के जाल । एकदिन आल जरूरे काल ।। 

तेकड़ी जब काल बुलाल । फांसी लीवेर यमदूत आल ॥ 

च्यलायो ब्वारी निभाना काम । जपिले भाई हरिक नाम ॥ 

धन दौलत माल खजान । दगड़ कोई चीज नियान ॥ 

निकय तीरथ निकय दान । एति रहल सब समान ।। 

धरी ढकिया निलाग काम । जपि ले भाई हरिक नाम ।। 

जब तक भाई ज्योंन छ जिया । दान धरम करि लैलिया । 

दान धरम भल बुलाण । अन्त सम यइ ली जाण ।। 

खिमानन्द क लेखणं काम । जपि ले भाई हरिक नाम ।।

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