॥ भजन ।।
जै जै हो बदरीनाथा ॥
ॐ जै जै हो बदरीनाथा ,जै काशी केदारा ,जै जै हिमाला।
देवतों की तपोभूमि ,संतों की तपोभूमि ,जै हरि हरिद्वारा ।।
जै जै हिमाला ।
नीलकंठ जै त्रिशूल , जै जै हो चौखम्बा ।
नंदा देवी पंचचूली , जै तेरी गौमुखा ।
शिवजी की तपोभूमि , पार्वती को मैता ।।
जै जै हिमाला ।
यह हमारि स्वर्गभूमि , बदरीनाथ धाम रे ।
ढुंग - माटू में राम - श्याम , डाय - बोटि भगवान रे ।।
बागनाथा जागनाथा , रुद्रनाथा तुंगनाथा ,
भगवती को थाना ।।
जै जै हिमाला ।
जै घन्याल , जै पटवाल , भूमि का भूम्याला रे ।
स्वर्गजनी भूमि मेरि , जै जै हो घन्याल रे ।।
रंग - रंगीलो मुलुक मेरो , देवतों को वासा ।।
जै जै हिमाला ।
जै मैया दुर्गा भवानी ॥
ॐ जै मैया दुर्गा भवानी जै मैया ।
तेरी सिंह की माता सवारी , हाथ चक्र सुदर्शनधारी ।
डान कानौ में तेरो निवास , दूनागिरि में जली रै जोत ।।
जै मैया ...
तेरी जैकार माता उपट्टा , तेरी जै जै हो देवी का धूरा ।
तेरी जैकार माता गंगोली , तेरी जै जै हो कायी गाड़ काली ।।
जै मैया ...
दूनागिरि की सिंहवाहिनी , तेरी जै जै हो चन्द्रबदनी ।
तेरी जैकार हे माता नन्दा , तेरी जै जै हो देवी मानीला ।।
जै मैया ...
तेरा नाना रूपों मैं प्रणाम , दिए भक्ति का हमें तू ज्ञान ।
तेरा भगत जोड़नी हाथ , धरि दिए सबू की तू लाज ।।
जै मैया ...
निर्वाण भजन--
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