मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

महाभारत युद्ध में सौ कौरव पुत्र ही क्यों मरे।

क्या आप जानते हैं महाभारत युद्ध का एक मूल कारण क्या है।

जब महाभारत युद्ध समाप्त हो गया था, तब पांडव सांत्वना देने के लिए राजा धृतराष्ट्र के पास गए ।


शोकाकुल राजा धृतराष्ट्र को भगवान कृष्ण व पांडवों के द्वारा सांत्वना देते समय राजा धृतराष्ट्र ने पूछा कि मेरे ही सौ पुत्र युद्ध में मारे गए , किंतु पांडु के पुत्र अभी भी जीवित है।

इसका कारण क्या है।

भगवान श्रीकृष्ण ने धृतराष्ट्र से कहा कि महाराज आप अपने पूर्व जीवन वृतांत को देखें जिससे आपको विदित होगा, कि आपके सौ पुत्र क्यों मारे गए ,और इनका कारण क्या था ।

राजा धृतराष्ट्र ने आंखें बंद की और अपने पूर्व जीवन के वृतांत को देखा तो पाया कि उनके जीवन में वह सो बार जिंदा हुए और सौ बार मृत्यु को प्राप्त हुए। सो बार राजा बने । अभी धृतराष्ट्र एक सो एक वे राजा के रूप में विराजमान है । जब कारण पता नही चला तो राजा धृतराष्ट्र ने भगवान वासुदेव से राजा ने कहा कि सारे जीवन काल अच्छे सुख पूर्वक यापन हुए पर इस जन्म मे शोक का कारण क्या है ।

कथा --

जब धृतराष्ट्र पहली बार राजा थे, तो उन्हें शिकार खेलने का बहुत शौक था। राजा शिकार खेलने प्रतिदिन जंगल जाते और शिकार करके जब घर आते थे । घर आने के बाद मांस का भोजन करते थे।

राजा के पास दो हंसों का जोड़ा था जिसे वे अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यार करते थे ।

            एक बार हंसो ने सौ बच्चे पैदा हुए । और राजा शिकार करके जब घर पर आए तो खाना बनाने वाले भंडारी ने उन्हें रोज एक हंस को मारकर मांस को परोसा और राजा को वह मांस बहुत अच्छा लगा ,

 राजा ने उस मांस का सौ दिन तक भक्षण किया , और एक सौ एकवे दिन जब वह मांस नहीं मिला, तो राजा ने भोजन बनाने वाले से पूछा आपने जो आज तक मुझे मांस खिलाया वह आज क्यों नहीं है , तो खाना बनाने वाले भंडारी ने कहा कि महाराज हंसो ने सौ पुत्र जन्में थे, जो आप खा गए हैं। और अगली बार जब वह बच्चे पैदा करेंगे, तो फिर हम आपको मांस परोस पाएंगे ,राजा को बहुत ग्लानि हुई ।
राजा दौड़कर हंसों के पास जाकर क्षमा याचना कि आप मेरे अपराध को क्षमा करें , तो हंसों को उन्होंने उन्हें श्राप दिया, कि जिस तरह आपने मेरे सौ पुत्र खाए हैं और मैं उनका वियोग आज देख रही हूं उसी प्रकार आप भी अपने सौ पुत्रों का विनाश देखोगे और उनका शौक सहना पड़ेगा ।

 यही मूल कारण है ।

यही श्राप के कारण महाभारत युद्ध में कोरवों का विनाश हुआ था।
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''’''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''
जय श्रीमन्नारायण,

1 टिप्पणी:

आपका धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो।
मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे

ॐ जय गौरी नंदा

         डाउनलोड ऐप  आज की तिथि  त्योहार  मंदिर  आरती  भजन  कथाएँ  मंत्र  चालीसा  आज का विचार  प्रेरक कहानियाँ  ब्लॉग  खोजें होम भजन ओम जय ग...