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डॉक्टर से कैसे बचें
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प्रातः व सायंकाल नित्य मंगल श्लोक का पाठ करने से बहुत कल्याण होता है। दिन अच्छा बीतता है। दुःस्वप्न भय नही होता है। धर्म मे वृद्धि ,अज्ञानता...
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असुर मर्दिनी माँ दुर्गा का ही एक रूप है वनदुर्गा उन्हें जंगलों की देवी बनदेवी या शाकम्भरी भी कहते है ।जो हर जीव की माँ के रूप में रक्षा करती...
Uttrakhand ke bare mein aapke man mein bahut Uttam vichar hai, aapane yah bilkul sahi likha hai ki agar Kahin Swarg Hai To vah Uttrakhand mein hi hai Uttam ATI Uttam🙏👌👌👍😘
जवाब देंहटाएंतुमुल भौत बढि लिखरौ धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहते सुंदर। उत्तम विचार ।
जवाब देंहटाएंदेवभूमि विषयम तुमर लेख बहुते बड़ी छो । यो तुमर बड़ी प्रयास छो, अपु बोली विकास लिजी ।
जवाब देंहटाएंभौते सुंदर लिखणो क प्रयास कैरौ आपुल। बहुत बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंतुमुल भौत बढि लिखरौ धन्यवाद🙏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंअद्भुत, अप्रतिम!
जवाब देंहटाएंनमस्ते लखेडा जी भोते भल लिखो अपुल देवभूमि बार मे यसे लिखने रहा धनधन्य 🙏🙏
जवाब देंहटाएंबहते सुंदर। उत्तम विचार ।
जवाब देंहटाएंआपुल बहुत भल बात लिखी छ ।
जवाब देंहटाएंबहौतै भल लेखि रह हो पण्जू तुमुन , हमर बोलि भाषा में लिखाई है सकै लेकिन हमु लोगोंगे अभ्यास और मन में ठानण चै । जब नेपालि भाषा में है सकौ तो हमर कुमै गडवाल में किलै नै ?
जवाब देंहटाएंबहुतै भल लख्यड ज्यू धन्यवाद
जन्मभूमि का लगाव मानव स्वभाव है।जो जमीन से जुड़े हैंउनके लिए जन्मभूमि स्वर्ग के समान है।पर नयी पीढ़ी के लिए कोई मायने नहीं है।अपनी मिट्टी की महक अनायस खींच ले जाती है।अति सुंदर भाव!
जवाब देंहटाएंपाण्डेय जी नमस्कार सुन्दर विचार व्यक्त किया अपने
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा , बहुत सुंदर लिखा है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद: