रविवार, 16 अगस्त 2020

बलदेव छठ और सूर्यषष्ठी व्रत

 

       बलदेव छठ और सूर्यषष्ठी व्रत 

            ( भाद्रपद शुक्ला षष्ठी ) 

सप्तमी युक्त भाद्रपद शुक्ला षष्ठी को स्नान , दान , जप , इसके व्रत करने से अक्षय फल प्राप्त होता है । विशेषकर सूर्य - पूजन , गंगा दर्शन और पंचगव्य - प्राशन का बड़ा माहात्म्य है । पूजा की सामग्री में गन्ध , पुष्प , धूप , दीप और नैवेद्य मुख्य हैं ।


 इस दिन श्रीकृष्णजी के बड़े भाई बलदेवजी का जन्म हुआ । इसीलिए इसे देव छठ भी कहते हैं । इस दिन भगवान बलदेव ( बलराम ) जी का पूजन किया जाता है और मन्दिरों में सजावट की जाती है ।

बलदेवजी को मक्खन मिश्री का भोग लगाया जाता है,और मक्खन मिश्री ही प्रसाद के रूप में बांटते हैं ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपका धन्यवाद आपका दिन मंगलमय हो।
मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर करे

आचार्य पंडित जी मिलेंगे

सनातन संस्कृति संस्काराे में आस्था रखने वाले सभी धर्म प्रेमी धर्मानुरागी परिवारों का स्वागत अभिनंदन । आपको बताते हर्ष हो रहा है। कि हमारे पं...