नव संवत्सर हिन्दू नव वर्ष नया साल२०७८
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भारतीय नव संवत्सर यानी नया साल चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा तिथि से प्रारम्भ होता है । हिन्दू परम्परा सांस्कृतिक विविधता के कारण अनेक काल गणना विस्तार लिए हुआ है ,जैसे विक्रम संवत, शक संवत ,सन, ईसवी, वीर निर्वाण संवत, बंग संवत,आदि भारतीय कालगणना में सर्वाधिक महत्व विक्रम संवत को दिया जाता है ।
हिन्दू लोग अपने हर त्यौहार, उत्सव को बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाते है ,नव वर्ष के आगमन पर सभी लोग अपने घरों की दहेली को गाय के गोबर से लीप कर दहेली पर फूल हार लगाकर घर को सुसज्जित कर नव वर्ष के प्रथम दिन लोग घरों में शोकादि से रहित होकर माँ भगवती दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित कर कुल परम्परा के अनुसार मां दुर्गा जी की आराधना करते है ।
ब्रह्मपुराण के अनुसार चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा को सूर्योदय के समय ब्रह्मा जी ने समस्त सृष्टि की रचना की थी,उसी दिन ब्रह्मा जी का अर्चन पूजन व्रत करने से वर्ष भर मनुष्य को सुख प्राप्त होता है ।
नव संवत्सर के प्रथम दिन ब्राह्मण को घर मे बुलाकर नव संवत्सर के बारे में व्यक्ति विशेष के विषय मे, दुनिया मे होने वाली हलचल शुभ अशुभ पैट अपैट जानकर ब्राह्मण देवता से आशीर्वाद लेते है ।
सभी हिन्दू अपने बच्चों को सनातन हिन्दू नव संवत्सर नये साल के विषय मे उन्हें अवगत कराएं ।
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा
सनातन संस्कृति संस्कार
वसई
यह जानकारी के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यबाद
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
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