गुरुवार, 9 जुलाई 2020

श्रीनवग्रह स्त्रोत्रं

           💐 ।। श्रीनवग्रहस्तोत्रम्।।💐
    जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महा द्युतिम्। 
    तमोऽरिं सर्वपापघ्नं   प्रणतोस्मि दिवकरम। १ ।।

    दधिशंख तुषाराभं  क्षीरोदार्णव सम्भवम् ।
    नमामि शशिनं सोमं शाभोर्मुकूट भूषणम् ॥ २ ॥ 

    धरणीगर्भसूम्भूतं विद्युत कान्ति समप्रभम् । 
    कुमारं शक्तिहस्तं तं  मङ्गलं  प्रणमाम्यहम् ॥ ३ ॥

    प्रियंगु कलिकाश्यामं रूपेणापतिमं बुद्धम ।
    सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं  प्रणमाम्यहम् ।। ४ ।।

    देवानां च ऋषीणां च गुरु काञ्चनसंनिभम् । 
    बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि  बृहस्पतिम् ॥ ५ ॥ 

    हिमकुन्द मृणा  लाभं  दैत्यानां  परमं गुरुम् । 
    सर्वशास्त्र  प्रवक्तारं  भार्गवं   प्रणमाम्यहम् ।।६ ।।

    नीलाञ्जन   समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम् ।
    छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम ॥ ७ ॥ 

    अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रा  दित्य विमर्दनम् ।
    सिहिका  गर्भसम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् ॥ ८ ॥

    पलाश पुष्प सकाशं तारका ग्रहमस्तकम् । ।
    रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं   प्रणमाम्यहम् ॥ ९ ॥ 

    इति व्यास मखोद्गीतं यः पठेत सुसमाहितः । 
    दिवा वा यदि वा रात्रो विध्न शांतिर्भविष्यति।।१० ।।

    नरनारी नृपाणाम च भवेद दुःस्वप्न नाशनम
    ऐश्वर्य  मतुलं  तेषामारोग्यं   पुष्टि  वर्धनम ।।११।।

  ।।  महर्षिव्यासविरचितं नवग्रहस्त्रोत्रं  सम्पूर्णम।।



                     आचार्य हरीश चंद्र लखेड़ा
                             वसई मुम्बई
                         मो 9004013983

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