सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
आचार्य पंडित जी मिलेंगे
सनातन संस्कृति संस्काराे में आस्था रखने वाले सभी धर्म प्रेमी धर्मानुरागी परिवारों का स्वागत अभिनंदन । आपको बताते हर्ष हो रहा है। कि हमारे पं...
-
प्रातः व सायंकाल नित्य मंगल श्लोक का पाठ करने से बहुत कल्याण होता है। दिन अच्छा बीतता है। दुःस्वप्न भय नही होता है। धर्म मे वृद्...
-
असुर मर्दिनी माँ दुर्गा का ही एक रूप है वनदुर्गा उन्हें जंगलों की देवी बनदेवी या शाकम्भरी भी कहते है ।जो हर जीव की माँ के रूप में रक्षा करती...
जय श्री राम, जय हनुमान
जवाब देंहटाएंजय बजरंग बली
जवाब देंहटाएंजय हनुमान
जवाब देंहटाएंजय हनुमान ज्ञान गुण सागर,जय कपीस तिहूं लोक उजागर
जवाब देंहटाएंराम दूत अतुलित बल धामा अंजनी पुत्र पवन सुत नामा।...
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आदरणीय आचार्यवर्य श्रीमान हरीश लखेदजी, सप्रेम हरे कृष्ण। यह हनुमद्वड़वानल स्तोत्र जोकि प्रमाणिक और शास्त्रोक्त है और विभीषण जी कृत है, जीवन में पहली बार पढ़ने का सुयोग मिला तथा पढ़ कर आनंदाम्बुधिवर्धन की विलक्षण अनुभूति हुई। स्तोत्र उपलब्ध कराने के लिये कोटिशः साधुवाद। हरि-गुरु-वैष्णव कृपाकांक्षीजनार्दन त्रिदण्डी भिक्षु जनार्दन महाराज।
जवाब देंहटाएं