- : श्री लक्ष्मीजी की आरती : -
ॐ जय लक्ष्मी माता- मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसिदिन सेवत 2 हर विष्णु धाता ।।ॐ ।।
उमा , रमा , ब्रह्माणी -तुम ही जग माता ।
सूर्य , चन्दमा ध्यावत 2 नारद ऋषि गाता ।।ॐ।।
दुर्गारूप निरंजनि- सुख- सम्पति- दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत 2 ऋषि -सिधि -धनपाता ।।ॐ।
तुम पाताल निवासिनि - तुम ही शुभदाता ।
कर्म - प्रभाव- प्रकाशिनि 2 भवनिधि की त्राता ॥ॐ ।।
जिस घर तुम रहती , तहँ - सब सदगुण आता ।
सब संभव हो जाता 2 मन नहिं घबराता ।।ॐ ।।
तुम बिन यज्ञ न होते- वस्त्र न हो राता ।
खान - पान का वैभव 2 सब तुमसे आता || ॐ ।।
शुभ - गुण - मन्दिर सुन्दर - क्षीरोदधि जाता ।
राम चतुर्दश तुम बिन 2 कोई नहिं पाता ।।ॐ ।।
महालक्ष्मी ( जी ) की आरती- जो कोई नर गाता ।
उर आनंद समाता 2 पाप उतर जाता ।। ॐ ॥
स्तुति पाठ--
।।श्रीमहालक्ष्मयष्टकस्तवः ।।
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते ।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।1 ।।
नमस्ते गरुडारूढे कोलासुर भयंकरि ।
सर्वपाप हरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।2 ।।
सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्वदुष्ट भयंकरि ।
सर्वदुःख हरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।3 ।।
सिद्धि बुद्धि प्रदे देवि भुक्तिमुक्ति प्रदायिनि ।
मन्त्रमूर्ते महादेवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।4 ।।
आद्यन्त रहिते देवि आधशक्ति महेश्वरि ।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।5 ।।
स्थूल सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ति महोदरे ।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।6 ।।
पदमासनस्थिते देवि पर ब्रह्म स्वरूपिणि ।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।7 ।।
श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकार भूषिते ।
जगत स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते।।8 ।।
महालक्ष्म्यष्टकस्तोत्रं यः पठेदभक्तिमान्नरः ।
सर्वसिध्दिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ।।9 ।।
एककालं पठेन्नित्यं महापापविनाशनम् ।
द्विकाल यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः ।।10 ।।
त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम् ।
महालक्ष्मी भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।11।।
।। इतीन्द्रकृतः श्रीमहालक्ष्म्यष्टकस्तवः।।
।।नमस्कार ।।
नमस्ते सर्वलोकेशि
नमो भक्त जनप्रिये ।
नमस्तेऽस्तु महालक्ष्मि
त्राहि मां शरणागतम्।।
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अति सुंदर हर हर महादेव
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